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100 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा संत रविदास जी का मंदिर ।

भिण्ड:- शिरोमणि श्री रविदास समरसता यात्रा ने भिण्ड जिले के विकासखण्ड अटेर में प्रवेश किया। सहकारिता एवं लोकसेवा प्रबंधन मंत्री डॉ अरविन्द सिंह भदौरिया द्वारा संत शिरोमणि श्री रविदास मंदिर निर्माण समरसता यात्रा के अटेर क्षेत्र के फूूप आगमन पर आत्मीय स्वागत किया गया। उन्होंने संत शिरोमणि श्री रविदास जी की चरण पादुका का पूजन कर उन्हें अपने सिर पर उठाकर जिले में यात्रा का शुभारंभ किया। इस दौरान मध्यप्रदेश बांस एवं बांस शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष तथा समरसता यात्रा के संयोजक घनश्याम पिरोनिया, भाजपा जिला अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नरवरिया, नगर परिषद अध्यक्ष फूप नफीसा चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा समरसता यात्रा का हर्सोल्लास के साथ आत्मीय स्वागत किया गया।
सहकारिता एवं लोकसेवा प्रबंधन मंत्री डॉ अरविन्द सिंह भदौरिया ने कहा कि संत शिरोमणि श्री रविदास जी की समरसता यात्रा आज भिण्ड जिले की अटेर विधानसभा क्षेत्र में पहुंची है, अटेर विधानसभा क्षेत्र की सभी पंचायतों से मिट्टी और पवित्र नदियों का जल लाकर इस यात्रा में समाहित किया है। यह बड़े गौरव की बात है।


उन्होंने कहा कि समरसता यात्रा में संत शिरोमणि श्री रविदास जी की पादुका रखी है और गांव-गांव की मिट्टी और पवित्र नदियों का जल लाया गया है। ये मिट्टी और जल 12 तारीख को सागर जिले में यात्रा के साथ पहुंचेगा। वहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संत रविदास जी महाराज के भव्य मंदिर का शिलान्यास व भूमिपूजन करेंगे। उस भूमिपूजन में जब नींव भरी जायेगी, तो उसमें हमारे जिले की मिट्टी व जल का भी योगदान रहेगा। यह हमारे लिये बड़े ही सौभाग्य की बात है, कि जन-जन के गुरू संत रविदास जी का 100 करोड़ की लागत से भव्य मंदिर बनाने का कार्य प्रदेश सरकार कर रही है। इसके लिये हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद देते हैं, कि संत रविदास जी का इतना बड़ा मंदिर बनाने का निर्णय लिया है।
सहकारिता मंत्री डॉ अरविन्द सिंह भदौरिया ने कहा कि संत शिरोमणि श्री रविदास जी शांति, प्रेम, सत्य और पुनर्जागरण के अग्रदूत थे। उनका जीवन त्याग, तपस्या और मानव-सेवा का महान उदाहरण है। हम सभी को उनके बताए जीवन-मूल्यों एवं उनके अनुरूप आचरण को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। संत रविदास जी ने अपने विचारों से दुनिया में सामाजिक एकता व समरसता का संदेश दिया। विभिन्न सामाजिक बुराइयों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। न्याय, समानता और सेवा पर आधारित उनकी शिक्षा हर युग में लोगों को प्रेरित करती रहेगी। संत रविदास जी ने संपूर्ण मानव समाज के कल्याण के लिए सभी का मार्गदर्शन किया है और हम सभी को उनके बताए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है।


मध्यप्रदेश बांस एवं बांस शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष तथा समरसता यात्रा के संयोजक घनश्याम पिरोनिया ने कहा कि संत शिरोमणि गुरूदेव रविदास जी की यात्रा जन अभियान परिषद के सहयोग से निकाली जा रही है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है कि अंतिम छोर तक के व्यक्ति को योजनाओं का लाभ मिले, जिसका उदाहरण है, कि देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और वर्तमान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु है। जिन्हें सर्वोच्च पद पर बैठाया है। संत रविदास जी के भाव थे, कि मन चंगा तो कठोटी में गंगा…। केन्द्र व प्रदेश सरकार की मंशा है कि व्यक्ति को रोटी, कपड़ा और मकान की मुख्य जरूरतें है, वे मिलना चाहिये। हमें संत शिरोमणि गुरूदेव रविदास के पद चिन्हों पर चलकर गरीबों की सेवा कर रहें है।
भाजपा जिला अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नरवरिया ने कहा कि समरसता यात्रा लोगों में भाव पैदा करेगी, उनको जोड़ने का कार्य करेगी और अपनी सहभागिता मंदिर निर्माण में अवश्य देगी। क्योंकि इस मंदिर निर्माण में सभी ग्राम पंचायतों की मिट्टी और पवित्र नदियों का जल लाकर समाहित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि संत रविदास जी महान संत थे, जिनकी शिष्या मीरा बाई थी। मीरा बाई ने कृष्ण को अपने समक्ष में बुला लिया तो मीरा बाई के गुरू संत रविदास जी कितने महान व्यक्ति थे। संत रविदास जी में किसी के प्रति हीन भावना नहीं थी। वे बड़े ही सरल स्वभाव के संत थे।

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